रविवार, 7 नवंबर 2010

aboma ke swagat mein bichha bharat ka tantra

                              ओबामा के स्वागत में बिछा भारत का तंत्र
ओबामा  भारत की यात्रा पर हैं और उन्हें लेकर भारत का तंत्र और मीडिया जिस तरीके से बिछे हुए हैं  वह अपने आप में विचार करने लायक है क्या ओबामा से भारत जो चाहता है वह पूरा हो जायेगा ? ओबामा के आने से क्या अमेरिका और भारत के रिश्ते में क्या और कितना बदलाव आएगा ? ओबामा की इस यात्रा से भारत अपने पड़ोसिओ को क्या सन्देश देगा?  क्या ओबामा की इस यात्रा से पाकिस्तान भारत में जो आतंकी कारवाई कर रहा है उस पर कुछ अंकुश लगेगा या नहीं ? भारत के युवाओ को अमेरिका कितनी नौकरिया देगा ? ओबामा क्या भारत की ताकत को स्वीकृति देंगे? क्या वे भारत का इस्तेमाल चीन को दबाने के लिये तो नहीं कर रहे हैं?  जो भी हो ये सारे सवाल तो उअठेंगे ही  पर मीडिया की भूमिका पर अचरज होता है वह चारण  की भूमिका में  आ गई है और अपने तंत्र की क्या बात की जाए वह तो ओबामा को लेकर भारत के लोगो को दिन में ही मुगंरीलाल के हसीं सपने दिखा रही है इस सपने से सावधान होना पड़ेगा.  बहरहाल देखा जाए इस यात्रा का क्या प्रभाव भारत और खुद अमेरिका पर क्या पड़ता है ?

1 टिप्पणी:

  1. Hi, Sandhyaji,

    Pehle itnii current topic ke upar aapne apnaa khyaal pesh kee...uski aapko badhaien dete huen... hamare taraf se...

    Aapki jo khayalaat hein Obama ke bhaarat yaatra ke upar woh spasth roopse har kone pe roshini daalne waale hein...bus humbhi apne tarafse ek choti see baat jodenge woh hein kee - Obama nispasth roopse apne deshke logonkee berojgaari hatane..ke siva koyee doosra mudda to saamne dikhrahee hein..rahee chin ki yaa pakistan ki baat...is bharat dour ke kaaran indho deshon ki aapasi johein aur badhne kee aashanka..bahut hein...yeh hamara maan nahein....aapbhi isvishay pe ghour keejein zara...

    Praveen aur Madhu Singh Tangirala

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