गुरुवार, 11 नवंबर 2010

Kashmir se judi kuch batein

अभी हाल ही में मैंने एक लेख पढ़ा है कश्मीर पर  और मैं उसे आप लोगो के साथ शेयर करना चाहती हूँ. यह लेख मुजफहर हुसैन द्वारा लिखा हुआ है इसे मैं आप लोगो के सामने पेश करती हूँ
 " कश्मीर का नासूर बहुत पुराना है जो लम्बे समय से रिस रहा है . कश्मीर पर मुस्लिमो का आधिपत्य दूसरे  पानीपात के युद्दा के पश्चात  हुआ जब हेमू अकबर से पराजित हो गया / उत्तर   पश्चिम का यह सारा छेत्र   हेमू के कब्जे में था १५८६ में हेमू की हार के कारन कश्मीर मुस्लिम साम्राज्य  का अंग बन गया. पौने दो सौ वर्षो तक मुगलों का राज कश्मीर में रहा/ १७५० में अहमद शाह   अबदाली ने कश्मीर को जित लिया/ १८१९ तक  कश्मीर पठानों के आधिपत्य में रहा उस समय  पठानों ने कश्मीरी जनता पर दिल हिला देने वाले अत्याचार  केए जनता त्राहि त्राहि पुकार रही थी  इसका लाभ महाराणा रंजित सिंह ने उठाया  और १८१९ में कश्मीर पर हमला करके उसे अपने कब्जे में ले लिया इस प्रकार कश्मीर खलाशा साम्रज्य  के अंतर्गत  आ गया . लगभग ३० वर्षो तक सिक्खों का कश्मीर पर आधिपत्य रहा १८४६ में गुलाब सिंह ने डोंगर राज्य की सथापना कर डाली  यही विरासत आगे चल कर हरी सिंह को मिली जिनके समय में भारत की आजादी की लहर चल रही थी  ब्रिटिश सरकार  और मुस्लिम दोनों के ही दन्त कश्मीर पर थे सन १९३० में लन्दन में हुए गोलमेज सम्मेल्लन में कश्मीर के राष्ट्रवादी राजा  हरी सिंह ने भारत की स्वाधीनता की मांग को समर्थन देते हुए जो वक्त्ब्ये  दिया था उस से ब्रिटिश अत्यंत छुब्ध थे /

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