शनिवार, 20 नवंबर 2010

चुनाव में बिहार का ऊंट किस करवट बैठेगा ?

दोस्तों , आज बिहार में चुनाव का अंतिम दौर ख़तम हुआ है . सभी नेताओ और जन प्रतिनिधियो की तक़दीर का  फै स ला वोटिंग मशीन में बंद हो चुका  है इसे लेकर मीडिया में बहुत कयास लगाया  जा रहा है की अब बिहार किसके हाथ में जाने वाला है ? नीतीश   आएंगे या लालू और रामविलाश का गठबंधन सत्ता में वापस आएगा ? फिलहाल कुछ कहना अभी आधारहीन बात होगी क्यों की हमारे लोकतंत्र में जनता की नब्ज को टटोलना अब आसान नहीं रह गया  है जनता जनार्दन बिहार के ऊंट को किस करवट बैठाएगी कुछ बताया नहीं जा सकता जनता विकास को देखेगी या फिर से वही जाति के नाम पर अपने जन  प्रतिनिधियो को चुन कर अपना भाग्य विधाता बनाएगी

आज समाचार में मैंने एक रिपोर्ट पढ़ा  जिसमें यह उल्लेख था  की आज से   १२-१३ साल पहले लेखक और पत्रकार अरविन्द एन दास ने लिखा था , " बिहार विल राइज   फ्रॉम इट्स ऐशेज " यानि बिहार अपनी राख से उठ खड़ा होगा
इस बात को पढ़ते वक्त यक़ीनन  यह लग रहा है की क्या वह समय आ गया है या क्या वह समय आ रहा जब बिहार की तस्वीर में बदलाव के चिनह या निशान दिखाई पड़ रहे हैं  ?
 सबसे पहले तो सडकों की बात पर आइय  /   अब बिहार में पक्की सड़के  और जगमगाते हाई वे दिखाई पड़ रहे हैं / लडकियां  साइकिलो से पढ़ने निकल रही हैं क्यों की नीतीश सरकार ने जो सबसे अच्छी  कोशिश की की    लड़कियों   को पढने के लिये घर से बाहर निकाला और उन्हें साईकिल दिया जो दूर दराजो  से आवागमन की सुविधा नहीं होने की वजह से पढने नहीं जा पाती थी  अब आप कहीं भी किसी भी इलाके में चले जाइए  साइकिलो पर पढने जाती हुई लड़कियां  दिखलाई पड़ती हैं शायद  इन लड़कियों    से बिहार में ब्याप्त अशिक्षा  का अँधेरा दूर हो /

तीसरी बात है हम सभी को यह स्वीकारने में कोई हर्ज नहीं है की जो बिहार कभी अपराधो की दुनिया में प्रथम स्थान पर विराजमान था आज वह ग्राफ थोडा तो गिरा ही है अब अपहरण का उद्योग बंद हो चुका है बड़े बड़े बाहुबली जेल में बंद हैं

बिहार को आज जरुरत इस बात की है की उसे फिनिक्स पक्षी की तरह अपने राख से फिर पुनर्जीवित होना पड़ेगा.
दोस्तों इस चुनाव से ऐसा ही हो हम सब की यही आशा है बिहार पर विश्वास है की एक दिन वह अपनी विरासत को सहेजेगा और फिर से एक नया  बिहार चमकेगा

1 टिप्पणी:

  1. Bihar ke chunaw mein sirf 55% vote pada hai aur ismein bhi mahilawo ki sankhya sabse adhik hai. media mein to hawa hai ki Nitish aa rahe hain . Dekha jaye bihar phinix pakshi ki tarah phir se jinda hota hai ki nahi

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