रविवार, 4 नवंबर 2012

सवाल

वन में अकेली बैठी सीता
सोच रही थी
राम के निर्वासन में बदा था
मेरा भी निर्वासन /
पर मेरे  निर्वासन में
राम कहां  हैं ?

राम ,  राजा राम तो बन गएं
पर पति की आस्था कहां रख पाएं  ?
साथ चलने की शपथ मैंने निभाई
परन्तु राम के जेहन में
केवल धोबी की छवि आई /

राम , तुम धन्य हुए
पर सीता से छिन्न भी हुए/    

2 टिप्‍पणियां:

  1. Ram ka nirwasan abkibar jangal ke bajay janta ke bich tha jiske chalte log Ram-rajya jante hai Sita rajya nahi.Uttar ki(ans.) disha me ek kadam.

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    1. karna bareja ji aap bhi ek nishthur purush hi hain. isliye aap aisa hi jawab ke bare mein sochengay

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