सोमवार, 5 नवंबर 2012

कवि की चिंता (2)

सदी का सबसे बड़ा कवि चिंतित था
किसानों के लिए , आदिवासियों के लिए
दलितों के लिए ,  स्त्रियों के लिए /
वह सोचता
किसानों , आदिवासियों , दलितों  और  स्त्रियों   के बिना
यह पृथ्वी  कैसी होगी ?
पृथ्वी का काम कैसे चलेगा इनके बिना /

फिर धीरे - धीरे वह एक ऐसी
दुनिया  में दाखिल हो जाता
जहाँ जंगल में दुनिया भर के
जुगनू अपनी रौशनी में 
नहा  रहे होतें /

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