शुक्रवार, 10 मई 2013

 महीनों से मान बेहद उदास है / इसे मैं एक बच्चे की तरह फुसला कर रखती हूँ / इस मन को कैसे समझाउँ कि जीने के लिए कुछ बहाने चाहिए और मेरे पास कोई बहाना नहीं है / मेरे आस - पास की दुनिया में कोई अपने बेटे के लिए जी रहा है तो कोई अपने सपने के लिए / सबके पास कुछ बहाने हैं जिंदगी जीने के लिए / मेरे पास  सपने हैं और  बहाने / 

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