बुधवार, 20 जुलाई 2011

गुरु -शिष्य

किसी राज्य में पंडित वेद शर्मा नामक विद्वान रहते थे / उनकी विद्या की ख्याति दूर -दूर तक फैली थी /उनके पास राजा   वितंडवाहंन के पाँच राजकुमार विद्या  प्राप्त करते थे / राजकुमारों की शिक्षा जब समाप्त हुई , तब गुरु ने कहा - " शिष्यों , अब मैं  तुम्हारी परीक्षा लूँगा /"

 पाँचों राजकुमारों को  बिठाकर गुरु ने प्रश्न- पत्र  दे दिया / वे उत्तर लिखने लगें / गुरु बारी-बारी से हर राजकुमार  के पास जाकर देख रहे थे/ चार कुमारों को देखकर जब वे  पाँचवे   के पास पहुँचें तो देखा कि  वह  कुंजी में से नकल  कर रहा है /

 गुरु ने कहा - '' वत्स, यह कुंजी तूने कहाँ से प्राप्त की ?"

 कुमार ने कहा - " गुरुदेव, इसे मैं आपकी टेबल पर से उठा लाया था /"

यह सुनकर गुरु बहुत प्रसन्न हुए और उसे प्रथम घोषित  कर दिया /

                 ---------   हरिशंकर परसाई 

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