रोशनी से नहाई इस दुनिया में
मेरे मन का एक कोना
अंधेरे से लड़ रहा है ....
अपनी बेटी से आँख चुराते हुए
मैं तुम्हारी याद में
एक दीया
चुपके से जला रहा हूँ ....
हमारी बेटी
बिल्कुल तुम पर गई है
मुझे किसी बच्चे -सा पालती है
और बात - बात पर
तुम जैसा हँस देती है ....
डरता हूँ अपनी बेटी के प्यार से
उसे बाँधकर रखना चाहना हूँ
अपनी जिंदगी के डोर से
तुम भी प्यार करती थीं मुझसे
पर कहाँ बाँध पाया तुम्हें ....
सारे बंधन धरे के धरे रह गये थे
तुम चली गईं थीं .....
मैं पीछे छूट गया था
खाली - सा
वीरान - सा /
मेरे मन का एक कोना
अंधेरे से लड़ रहा है ....
अपनी बेटी से आँख चुराते हुए
मैं तुम्हारी याद में
एक दीया
चुपके से जला रहा हूँ ....
हमारी बेटी
बिल्कुल तुम पर गई है
मुझे किसी बच्चे -सा पालती है
और बात - बात पर
तुम जैसा हँस देती है ....
डरता हूँ अपनी बेटी के प्यार से
उसे बाँधकर रखना चाहना हूँ
अपनी जिंदगी के डोर से
तुम भी प्यार करती थीं मुझसे
पर कहाँ बाँध पाया तुम्हें ....
सारे बंधन धरे के धरे रह गये थे
तुम चली गईं थीं .....
मैं पीछे छूट गया था
खाली - सा
वीरान - सा /
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