यह कौन - सी जगह है दोस्तों। .... जहाँ अकेलेपन के अलावा कुछ नहीं / अकेलेपन को साथ देने के लिए ये पहाड़ हैं जो न जाने कितनी सदियों से सर्द में लिपटे मौन खड़े हैं / इनके पास न मेरे अकेलेपन का कोई हल है न मेरे सवालों का कोई जवाब नहीं /
इस बिराने में कुछ अच्छा नहीं लग रहा है / वक्त है कि मानों कहीं ठहर - सा गया है / न पढ़ने में मन लग रहा है न कुछ सार्थक लिखने में / इस वीराने की रखवाली कर रही हूँ मैं / अजीब - सा दौर है / आछे दिन पाछे गए /
इस बिराने में कुछ अच्छा नहीं लग रहा है / वक्त है कि मानों कहीं ठहर - सा गया है / न पढ़ने में मन लग रहा है न कुछ सार्थक लिखने में / इस वीराने की रखवाली कर रही हूँ मैं / अजीब - सा दौर है / आछे दिन पाछे गए /