फिर से एक बार मुंबई को बम विस्फोटों से आतंकवादियों ने थर्रा दिया है / आख़िरकार यह कब तक चलेगा? कब तक हमारी सरकार इन विस्फोटों पर चुप्पी साधे रहेगी ? कब तक बेगुनाह लोग इन हमलों में अपनी जान देते रहेंगे? सबसे बड़ी बात यह है कि हम इन विस्फोटों को झेलने के आदी हो चुके हैं. विस्फोट होने पर कुछ दिन तो हम सुगबुगाते हैं पर फिर वही चुप्पी और लापरवाही को ओढ़ लेते हैं
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