आतंक का सरगना लादेन ख़तम हुआ - इस पर विश्व के अधिकांश देश खुशियाँ मना रहे हैं पर सोचने वाली बात यह है कि क्या केवल एक लादेन के मारे जाने पर आतंकवाद का सफाया हो जायेगा? क्या आतंक के नाम पर निरीह लोगो को मारने वाले चुपचाप बैठे रहेंगे ? आज जरुरत इस बात की है कि विश्व के सारे देशों को आतंकवाद के मसले पर एकजुट होना पड़ेगा. आज हम देख सकते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर पूरे विश्व से अलग थलग खड़ा है उसे यह अहसास तक नहीं है कि इस आतंकवाद को बढ़ावा देते देते वह खुद बारूद के ढेर पर बैठ चुका है आज हालात यह है कि अमेरिका उसकी ज़मीन पर आकर अपने खुफिया मिशन को अंजाम दे देता है और पाकिस्तान को हवा तक नहीं लगने देता है यह पाकिस्तान को एक चेतावनी भी है पर कुछ देश होते हैं मूर्ख/ पाकिस्तान ऐसा ही है. जो अपनी संप्रभुता को दांव पर लगा चुका है इस मामले में अमेरिका को अपनी दादागिरी देखने को मौका भी मिला और अमेरिका ने दुनिया के सामने एक सीख़ भी रख दिया कि अमेरिका अपने दुश्मनों को किसी भी कीमत पर छोड़ता नहीं है
लादेन की मौत पर जायदा खुश होने की जरुरत नहीं है / अभी आतंकवाद के खिलाफ पूरे विश्व को एक लम्बी लड़ाई लड़नी है / इस लड़ाई में कुछ जरुरी मुद्दे हैं जिन पर भी विचार करना पड़ेगा /
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