रविवार, 22 मई 2011

महिला शक्ति जय हो

अभी शुक्रवार को ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री के रूप में पश्चिम बंगाल की बागडोर को अपने हाथों में लिया है और गद्दी सँभालते ही उन्होंने जिस गति से पुरानी  लीक से हटते हुए काम काज करना आरम्भ किया है वह काबिले तारीफ है ममता बनर्जी के रूप में बंगाल को पहली बार  एक महिला मुख्यमंत्री मिली है जो अभी अपनी  साफ़ सुथरी छवि और माँ,  माटी और मानुष के प्रति हद से ज्यादा जागरूक है

ममता बनर्जी को अलग तरीके से काम करते देख कर यह तो जरुर लगता है कि पुरुषो की तुलना में महिलाएं   ज्यादा सक्षम होती हैं  और वे किसी भी दायित्वा  को   बड़ी  गंभीरता के साथ निभा सकती हैं महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा अनुशासित भी होती हैं

आज ममता बनर्जी महिला होते हुए भी जिस तरीके से एक लम्बा संघर्ष करते हुए आगे आई हैं तथा अपनी जड़ों को मजबूत किया है  वह अपने आप में  अतुलनीय है

बंगाल का  तख़्त जो उन्हें मिला है वह चुनौतिओं से भरा हुआ है लोगों की ढेरों  उम्मीदें उनसे लगी हैं लोग आशा से उनकी तरफ देख रहे हैं उन्हें लगता है कि ममता बनर्जी के हाथों में कोई जादू की छड़ी है जिसे वह घुमाते ही बंगाल की काया पलट कर देंगी /  अभी तो आगाज है देखे अंजाम क्या होता है  

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