मंगलवार, 4 जनवरी 2011
सरकार की अड़ियल जिद
जे पी सी की मांग पर जिस तरीके से सरकार अड़ियल रवैया अपना रही है वह सरकार की मंशा पर सवाल उठाती है आखिरकार सरकार इन घोटालो की जाँच करने के लिये जे पी सी की मांग को स्वीकार क्यों नहीं कर लेती ? इस मांग को नहीं मानकर सरकार आख़िरकार समूचे विपक्ष को एकजुट और शक्तिशाली कर रही है सिर्फ यही नहीं इस मुद्दे को केंद्र करके संसद का पूरा शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ चुका है कभी कभी लगता है कि भारत की सरकार और विपक्ष दोनों ही इस मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं और दोनों ही इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं / हम सब भ्रस्टाचार पर बात तो करते हैं पर इसे लेकर हमारी भूमिका बहुत उदासीन होती है/ सरकार और विपक्ष की इस नकारात्मक भूमिका पर हम प्रतिवाद क्यों नहीं करते ?
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