शनिवार, 11 दिसंबर 2010

भ्रष्टाचार के दलदल में फंसा हिंदुस्तान ( २)

   डकार जातें हैं ? इन नेतावों को दुबारा चुनाव में चुना नहीं जाना - यह तो हमारे हाथ में हैं/ इसके अलावा हम सभी  को अपने जीवन में भी   शुचिता का पालन करना पड़ेगा तभी हम अपने सामाजिक जीवन में भी शुचिता को  तरजीह दे पायेंगे

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