शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010
भाषा आन्दोलन : नव राष्ट्र का जन्म -- डॉ. शंकर तिवारी ( 3)
बाँग्ला को सरकारी भाषा का दर्जा दिलाने के प्रस्ताव के विफल होते ही दूसरे दिन यानी २६ फ़रवरी ,१९४८ को पूर्वी पाकिस्तान में छात्र -हड़ताल बुलाई गई/ छात्रों ने स्कूल ,कॉलेज,विश्वविद्यालयओं में होने वाली क्लासों का बहिष्कार किया/ जुलूस में शामिल हुए / अपनी भाषा के समर्थन में नारें दिए गए / छात्रों का नेतृत्व कर रहे थे - डॉ. मुहम्मद शाहिद्दुल्लाह / छात्र नेताओं में शेख मुजर्र्बिर रहमान , शम्सुल्हाक शौकत अली , रणन दासगुप्ता आदि / इनमें से कुछेक को आन्दोलन करने के जुर्म में जेल में डाल दिया गया था/ भाषा पर मर- मिटने वालों की तादाद लगातार बढती जा रही थी क्योंकि भाषा केवल ह्रदय के भावों या आवेग को ही व्यक्त नहीं करती बल्कि वह मनुष्य के जातीयता बोध की भी परिचयक होती है . भाषा जातीयता के बंधन को मजबूत करती है /
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