वन में अकेली बैठी सीता
सोच रही थी
राम के निर्वासन में बदा था
मेरा भी निर्वासन /
पर मेरे निर्वासन में
राम कहां हैं ?
राम , राजा राम तो बन गएं
पर पति की आस्था कहां रख पाएं ?
साथ चलने की शपथ मैंने निभाई
परन्तु राम के जेहन में
केवल धोबी की छवि आई /
राम , तुम धन्य हुए
पर सीता से छिन्न भी हुए/
सोच रही थी
राम के निर्वासन में बदा था
मेरा भी निर्वासन /
पर मेरे निर्वासन में
राम कहां हैं ?
राम , राजा राम तो बन गएं
पर पति की आस्था कहां रख पाएं ?
साथ चलने की शपथ मैंने निभाई
परन्तु राम के जेहन में
केवल धोबी की छवि आई /
राम , तुम धन्य हुए
पर सीता से छिन्न भी हुए/