पतझड़
सोमवार, 3 फ़रवरी 2014
आँसू की एक बूँद
एक
दिन
आँसू
की
एक
बूँद
अचानक
खिलखिला
पड़ी
......
पूछने
पर
बताया
..
अब
मैं
किसी
की
आँखों
में
नहीं
रहती
.....
मैने
भी
हँसना
सीख
लिया
है
..../
1 टिप्पणी:
बेनामी
24 मार्च 2014 को 9:31 am बजे
इन प्यारी कविताओं के लिए धन्यवाद।
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