आज से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन दिनों के लिये अनशन पर बैठकर एक नई राजनीतिक बिसात बिछा चुके हैं / उन्होंने इस अनशन को शुद्धिकरण का नाम दिया है पर राजनीतिक हलकों में इसके कुछ और अर्थ लगाये जा रहे हैं / तीन दिनों के अनशन के बाद नरेन्द्र मोदी का क्या नया अवतार होगा ? कहीं इसके पीछे कहीं कोई राजनीतिक मंशा तो नहीं छिपी है ? वैसे भी इन राजनीतिक नेताओं के हर कार्यकलापों के पीछे कोई न कोई राजनीतिक चालें छिपी रहती हैं / अभी इन नाटकों को देखकर लगता है कि देश में अनशनों का फैशन चल पड़ा है / अनशन जैसे कारगार हथियार का अगेर इसी तरह इस्तेमाल होता रहा तो यह हथियार भी एकदिन भोथरा हो जायेगा /
सही विश्लेषण।
जवाब देंहटाएंवर्ड वेरिफ़िकेशन आपने हटा ही लिया आखिर में।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
अनशन जैसे कारगार हथियार का अगर इसी तरह इस्तेमाल होता रहा तो यह हथियार भी एकदिन भोथरा हो जायेगा ।
जवाब देंहटाएंसंध्या जी सच कहा है आपने कि यदि छोटे-छोटे मुद्दों पर अनशन होता रहा तो एक दिन ऐसा भी आएगा जब अनशन महत्वहीन हो जाएगा एवं लोगों के अंदर भी इसकी अहमियत नही रहेगी पोस्ट अच्छा लगा ।
धन्यवाद ।
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
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