सोमवार, 25 अक्तूबर 2010

आएइए, दोस्तों मैं इस   उपन्यास के बारे में आप को कुछ बताऊँ यह उपन्यास जयप्रकाश नारायण के द्वारा चलाएए  गए  आन्दोलन संपूर्ण क्रांति को केंद्र बनाकर चलता है. एस उपन्यास में दो कथा आपस में घुलमिलकर चलती है. एक कथा राजनीतिक पृष्ठभूमि पर केन्द्रितित है तो दूसरी कथा प्रेम की मोहक तस्वीर पेश करती है, इस upan अयास का नायक राजीव है जो ईमानदारी  को  अपनी ताकत मानता है वह अपने देश और समाज के लिय बहुत  कुछ करना चाहता है  उसी समय देश में एक ऐसी हवा चलती है जो सारे नवयुvको  को कांग्रेस के भ्रस्ट्रा चार से मुक्त होने के लिये दूसरी आजादी के आन्दोलन की तरफ धकेल देती है. राजीव भी एस आन्दोलन में जोरशोर से भाग लेता है

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