सफ़ेद चील झपट्टा मारती है
और लेकर उड़ जाती है
अपने पंजों में
एक मासूम सा चूजा ....... /
दूर कहीं एक सूखा पत्ता
दरख्त से टूटता है
और चीख उठती है
टिटहरी। ....
मिथ से निकल आते हैं राम
अपनी मर्यादा के साथ
और सीता को
फिर से याद आता है
अपना निर्वासन। .
सदियों से
एक भोला - सा तर्क
हत्या करता रहा है
एक निष्पाप
जीवन का । ....
और लेकर उड़ जाती है
अपने पंजों में
एक मासूम सा चूजा ....... /
दूर कहीं एक सूखा पत्ता
दरख्त से टूटता है
और चीख उठती है
टिटहरी। ....
मिथ से निकल आते हैं राम
अपनी मर्यादा के साथ
और सीता को
फिर से याद आता है
अपना निर्वासन। .
सदियों से
एक भोला - सा तर्क
हत्या करता रहा है
एक निष्पाप
जीवन का । ....
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