दस - बारह साल बाद
मुझे याद आया था
कि
मेरी जिंदगी नर्क बन चुकी है
अफ़सोस ......
ऐसा क्यूँ हुआ .....?
कैसे हुआ ...?
समझ ही नहीं पाया मैं ..../
अचानक एक शब्द उछला...
" प्यार "
हाँ , हाँ , यही है वह
जो मुझे घुन की तरह चाटता रहा
इसने मेरी साँसें छीन ली थी /
अब मैं तैयार हूँ
मुझे मेरे शत्रु की पहचान हो गई है
अब यह मेरे लिए
........ कुछ डॉट है /
मुझे याद आया था
कि
मेरी जिंदगी नर्क बन चुकी है
अफ़सोस ......
ऐसा क्यूँ हुआ .....?
कैसे हुआ ...?
समझ ही नहीं पाया मैं ..../
अचानक एक शब्द उछला...
" प्यार "
हाँ , हाँ , यही है वह
जो मुझे घुन की तरह चाटता रहा
इसने मेरी साँसें छीन ली थी /
अब मैं तैयार हूँ
मुझे मेरे शत्रु की पहचान हो गई है
अब यह मेरे लिए
........ कुछ डॉट है /
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