रामअवध उदास है
सोच रहा है
कैसा भयावह समय है
कवि और सत्ता में
कितना बेहतर तालमेल है
हमारा कवि चिंतित होता है
अपनी कविताओं में
हमारी भूख को लेकर/
हमारी पीड़ा उसे बेचैन करती है
हमारे संघर्ष में वह
उबाल ख़ाता है गर्म लहू की तरह /
वह बार - बार क्रांति की बात करता है
सत्ता को आँखें तरेरता है /
हम खुश होते हैं
कोई तो है जो
हमारे लिए प्रतिबद्ध है
हमारी लड़ाई में कहीं न कहीं शरीक है /
पर एक दिन पता चलता है
हमारे समय की निरंकुश सत्ता एँ
पुरस्कार बाँट रही हैं
हमारा कवि
पुरस्कारों को सर झुका कर
ग्रहण कर रहा है
कवि अभिभूत है
सत्ता का आतिथ्य ग्रहण करके /
प्रशस्ति गा रहा है
कृत हो रहा है
आख़िरकार सत्ता ने
उसकी पहचान कर ली है /
कवि जानता है
पहचान ज़रूरी है :
लड़ाई नहीं /
पहचान से ही
रास्ते खुलेंगे
इतिहास में दाखिल होने के लिए /
कवि बेचैन है
सत्ता मुग्ध है
पर रामअवध उदास है
वह इतिहास नहीं बनना चाहता /
सोच रहा है
कैसा भयावह समय है
कवि और सत्ता में
कितना बेहतर तालमेल है
हमारा कवि चिंतित होता है
अपनी कविताओं में
हमारी भूख को लेकर/
हमारी पीड़ा उसे बेचैन करती है
हमारे संघर्ष में वह
उबाल ख़ाता है गर्म लहू की तरह /
वह बार - बार क्रांति की बात करता है
सत्ता को आँखें तरेरता है /
हम खुश होते हैं
कोई तो है जो
हमारे लिए प्रतिबद्ध है
हमारी लड़ाई में कहीं न कहीं शरीक है /
पर एक दिन पता चलता है
हमारे समय की निरंकुश सत्ता एँ
पुरस्कार बाँट रही हैं
हमारा कवि
पुरस्कारों को सर झुका कर
ग्रहण कर रहा है
कवि अभिभूत है
सत्ता का आतिथ्य ग्रहण करके /
प्रशस्ति गा रहा है
कृत हो रहा है
आख़िरकार सत्ता ने
उसकी पहचान कर ली है /
कवि जानता है
पहचान ज़रूरी है :
लड़ाई नहीं /
पहचान से ही
रास्ते खुलेंगे
इतिहास में दाखिल होने के लिए /
कवि बेचैन है
सत्ता मुग्ध है
पर रामअवध उदास है
वह इतिहास नहीं बनना चाहता /
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