बुधवार, 22 अक्टूबर 2014
शनिवार, 11 अक्टूबर 2014

मंगलवार, 23 सितंबर 2014
अँधेरा है पर उम्मीद भी
मेरे समय के शब्द
जोखिम उठाने से डरते हैं
एक घना अंधकार
धीरे - धीरे उत्तर आया है
हमारी जिह्वा/ पर
और
हम लगातार
एक लय में सिर हिलाते
कोरस में
कुछ बुदबुदाते
चल पड़े हैं
उस ईश्वर की शरण में
जो हमारी ही तरह
असमर्थ है
बेबस है
निरीह है
वह भी जोखिम उठाने से डरता है /
सुना है
आजकल
वह भी
ताकतवरों की ही सुनता है
उनक हाँ में हाँ मिलाता है
और
उनकी प्रार्थनाओं पर
मौन होकर मुस्कुराता है /
ताकतवर। ...
और ताकतवर होते जा रहे हैं
बढ़ रही है उनकी ताकत
झुक रहे हैं सिर
उनके सज़दे में
कट रहीं हैं जीभें
नापी जा रही हैं गर्दनें /
पर यही पूरा सच नहीं है
एक सच और है
दुनिया का सौंदर्य
बदलता है
उम्मीद से /
और मेरे पास
अँधेरा भी है
और उम्मीद भी /
जोखिम उठाने से डरते हैं
एक घना अंधकार
धीरे - धीरे उत्तर आया है
हमारी जिह्वा/ पर
और
हम लगातार
एक लय में सिर हिलाते
कोरस में
कुछ बुदबुदाते
चल पड़े हैं
उस ईश्वर की शरण में
जो हमारी ही तरह
असमर्थ है
बेबस है
निरीह है
वह भी जोखिम उठाने से डरता है /
आजकल
वह भी
ताकतवरों की ही सुनता है
उनक हाँ में हाँ मिलाता है
और
उनकी प्रार्थनाओं पर
मौन होकर मुस्कुराता है /
ताकतवर। ...
और ताकतवर होते जा रहे हैं
बढ़ रही है उनकी ताकत
झुक रहे हैं सिर

कट रहीं हैं जीभें
नापी जा रही हैं गर्दनें /
पर यही पूरा सच नहीं है
एक सच और है
दुनिया का सौंदर्य
बदलता है
उम्मीद से /
और मेरे पास
अँधेरा भी है
और उम्मीद भी /
शुक्रवार, 1 अगस्त 2014
मंगलवार, 22 जुलाई 2014
यह कौन - सी जगह है दोस्तों। .... जहाँ अकेलेपन के अलावा कुछ नहीं / अकेलेपन को साथ देने के लिए ये पहाड़ हैं जो न जाने कितनी सदियों से सर्द में लिपटे मौन खड़े हैं / इनके पास न मेरे अकेलेपन का कोई हल है न मेरे सवालों का कोई जवाब नहीं /
इस बिराने में कुछ अच्छा नहीं लग रहा है / वक्त है कि मानों कहीं ठहर - सा गया है / न पढ़ने में मन लग रहा है न कुछ सार्थक लिखने में / इस वीराने की रखवाली कर रही हूँ मैं / अजीब - सा दौर है / आछे दिन पाछे गए /
इस बिराने में कुछ अच्छा नहीं लग रहा है / वक्त है कि मानों कहीं ठहर - सा गया है / न पढ़ने में मन लग रहा है न कुछ सार्थक लिखने में / इस वीराने की रखवाली कर रही हूँ मैं / अजीब - सा दौर है / आछे दिन पाछे गए /
मंगलवार, 6 मई 2014
रविवार, 13 अप्रैल 2014
माई री। ... मोरा माइका छूटा जाए।
माई री। ...
मोरा माइका छूटा जाए। …

माटी की देह
माटी में मिल जाए
गगन घटा में
मोरा पाखी उड़ जाए
माई री। ...
मोरा माइका छूटा जाए।
आन देस में
मन न लागे
मेढ बार - बार
टूट जाए
माई री। ...
मोरा माइका छूटा जाए।
संगी साथी सब बिराने
रैन बसेरा का
न कोई
ठौर - ठिकाना /
माई री। ...
मोरा माइका छूटा जाए।
अपयश देत
कलंक लगावे
ता - ता करके ताली
बजावे
माई री। ...
मोरा माइका छूटा जाए।
माया टूटी
काया छूटी
टूटे सारे नेह के बंध
माई री। ...
मोरा माइका छूटा जाए।
मोरा माइका छूटा जाए। …

माटी की देह
माटी में मिल जाए
गगन घटा में
मोरा पाखी उड़ जाए
माई री। ...
मोरा माइका छूटा जाए।
आन देस में
मन न लागे
मेढ बार - बार
टूट जाए
माई री। ...
मोरा माइका छूटा जाए।
संगी साथी सब बिराने
रैन बसेरा का
न कोई
ठौर - ठिकाना /
माई री। ...
मोरा माइका छूटा जाए।
अपयश देत
कलंक लगावे
ता - ता करके ताली
बजावे
माई री। ...
मोरा माइका छूटा जाए।
माया टूटी
काया छूटी
टूटे सारे नेह के बंध

मोरा माइका छूटा जाए।
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